Sunday 21 August, 2011

आरती क्यों और कैसे?


पूजा के अंत में हम सभी भगवान की आरती करते हैं। आरती के दौरान कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इन सबका विशेष अर्थ होता है। ऐसी मान्यता है कि न केवल आरती करने, बल्कि इसमें शामिल होने पर भी बहुत पुण्य मिलता है। किसी भी देवता की आरती करते समय उन्हें 3बार पुष्प अर्पित करें। इस दरम्यान ढोल, नगाडे, घडियाल आदि भी बजाना चाहिए।

एक शुभ पात्र में शुद्ध घी लें और उसमें विषम संख्या [जैसे 3,5या 7]में बत्तियां जलाकर आरती करें। आप चाहें, तो कपूर से भी आरती कर सकते हैं। सामान्य तौर पर पांच बत्तियों से आरती की जाती है, जिसे पंच प्रदीप भी कहते हैं। आरती पांच प्रकार से की जाती है। पहली दीपमाला से, दूसरी जल से भरे शंख से, तीसरा धुले हुए वस्त्र से, चौथी आम और पीपल आदि के पत्तों से और पांचवीं साष्टांग अर्थात शरीर के पांचों भाग [मस्तिष्क, दोनों हाथ-पांव] से। पंच-प्राणों की प्रतीक आरती हमारे शरीर के पंच-प्राणों की प्रतीक है। आरती करते हुए भक्त का भाव ऐसा होना चाहिए, मानो वह पंच-प्राणों की सहायता से ईश्वर की आरती उतार रहा हो। घी की ज्योति जीव के आत्मा की ज्योति का प्रतीक मानी जाती है। यदि हम अंतर्मन से ईश्वर को पुकारते हैं, तो यह पंचारतीकहलाती है। सामग्री का महत्व आरती के दौरान हम न केवल कलश का प्रयोग करते हैं, बल्कि उसमें कई प्रकार की सामग्रियां भी डालते जाते हैं। इन सभी के पीछे न केवल धार्मिक, बल्कि वैज्ञानिक आधार भी हैं।

कलश-कलश एक खास आकार का बना होता है। इसके अंदर का स्थान बिल्कुल खाली होता है। कहते हैं कि इस खाली स्थान में शिव बसते हैं।

यदि आप आरती के समय कलश का प्रयोग करते हैं, तो इसका अर्थ है कि आप शिव से एकाकार हो रहे हैं। किंवदंतिहै कि समुद्र मंथन के समय विष्णु भगवान ने अमृत कलश धारण किया था। इसलिए कलश में सभी देवताओं का वास माना जाता है।

जल-जल से भरा कलश देवताओं का आसन माना जाता है। दरअसल, हम जल को शुद्ध तत्व मानते हैं, जिससे ईश्वर आकृष्ट होते हैं।

नारियल- आरती के समय हम कलश पर नारियल रखते हैं। नारियल की शिखाओं में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार पाया जाता है। हम जब आरती गाते हैं, तो नारियल की शिखाओं में मौजूद ऊर्जा तरंगों के माध्यम से कलश के जल में पहुंचती है। यह तरंगें काफी सूक्ष्म होती हैं।

सोना- ऐसी मान्यता है कि सोना अपने आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है। सोने को शुद्ध कहा जाता है।

यही वजह है कि इसे भक्तों को भगवान से जोडने का माध्यम भी माना जाता है।

तांबे का पैसा- तांबे में सात्विक लहरें उत्पन्न करने की क्षमता अधिक होती है। कलश में उठती हुई लहरें वातावरण में प्रवेश कर जाती हैं। कलश में पैसा डालना त्याग का प्रतीक भी माना जाता है। यदि आप कलश में तांबे के पैसे डालते हैं, तो इसका मतलब है कि आपमें सात्विक गुणों का समावेश हो रहा है।

सप्तनदियोंका जल-गंगा, गोदावरी,यमुना, सिंधु, सरस्वती, कावेरीऔर नर्मदा नदी का जल पूजा के कलश में डाला जाता है। सप्त नदियों के जल में सकारात्मक ऊर्जा को आकृष्ट करने और उसे वातावरण में प्रवाहित करने की क्षमता होती है। क्योंकि ज्यादातर योगी-मुनि ने ईश्वर से एकाकार करने के लिए इन्हीं नदियों के किनारे तपस्या की थी। सुपारी और पान- यदि हम जल में सुपारी डालते हैं, तो इससे उत्पन्न तरंगें हमारे रजोगुण को समाप्त कर देते हैं और हमारे भीतर देवता के अच्छे गुणों को ग्रहण करने की क्षमता बढ जाती है। पान की बेल को नागबेलभी कहते हैं।

नागबेलको भूलोक और ब्रह्मलोक को जोडने वाली कडी माना जाता है। इसमें भूमि तरंगों को आकृष्ट करने की क्षमता होती है। साथ ही, इसे सात्विक भी कहा गया है। देवता की मूर्ति से उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा पान के डंठल द्वारा ग्रहण की जाती है।

तुलसी-आयुर्र्वेद में तुलसी का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। अन्य वनस्पतियों की तुलना में तुलसी में वातावरण को शुद्ध करने की क्षमता अधिक होती है।

Friday 19 August, 2011

बना दें अपने फ‌र्स्ट इम्प्रेशन को खास


किसी जॉब इंटरव्यू के लिए जाने पर थोडी बहुत घबराहट होना तो लाजमी है। लेकिन कई बार इस घबराहट के चलते लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे उनकी बात बनने के बजाय बिगड सकती है। वैसे भी कहा जाता है कि फ‌र्स्ट इम्प्रेशन इज दि लास्ट इम्प्रेशन..ऐसे में जहां आप नौकरी के लिए जा रहे हैं, वहां यह बेहद अहम हो जाता है कि कंपनी के अधिकारियों पर आपका पहला इम्प्रेशन प्रभावपूर्ण हो। तभी बात आगे बढेगी, अन्यथा नहीं। यहां करियर काउंसलर परवीन मल्होत्रा बता रही हैं इंटरव्यू में सफलता के कुछ गुर..

सबसे पहले तो इंटरव्यू के लिए निर्धारित समय से कम से कम 10 से 15 मिनट पहले अवश्य पहुंच जाएं जिससे जब इंटरव्यू कक्ष में प्रवेश करें तब तक रिलैक्स हो चुके हों। ऐसा न हो कि बाल उड रहे हैं और माथे पर पसीना टपक रहा है।

इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने पर पहले दरवाजे पर धीरे से नॉक करें। उसके बाद कुछ देर रुककर अंदर प्रवेश करें।

कक्ष में मौजूद सभी लोगों को मुस्कुरा कर अभिवादन करना न भूलें। इंटरव्यू के दौरान सवालों के जवाब देते हुए उपस्थित सभी अधिकारियों से आई कांटेक्ट करते हुए ही जवाब दें।

कुर्सी पर तभी बैठे जब आपसे बैठने के लिए कहा जाए। कुर्सी में झूलें नहीं बल्कि सीधे होकर बैठें।

इंटरव्यू के दौरान घबराहट होने पर उसे अपने चेहरे पर जाहिर न होने दें। घबराहट में नाखून काटने, पैर हिलाने या फिर अपने बालों से खेलने जैसी एक्टिविटी न करें।

इंटरव्यू कक्ष में च्यूइंग गम, पान मसाला, पान या सिगरेट का सेवन न करें। यदि कोई सिगरेट ऑफर भी करे तो भी थैंक्यू कहते हुए लेने से मना कर दें।

इंटरव्यू में जब आपसे आपके बारे में पूछा जाए तो उसमें अपने परिवार की राम कहानी बताने से बचें बल्कि अपने बारे में कुछ क्रिएटिव बातें और वर्क प्रोफाइल के बारे में बताएं।

इंटरव्यू के दौरान आपका चेहरा बुझा-बुझा नहीं होना चाहिए बल्कि आपके चेहरे पर उत्साह व कुछ नया जानने की ललक जरूर दिखनी चाहिए। याद रखिए कि दो समान योग्यता व दक्षता वाले लोगों में से प्राथमिकता उसी को दी जाएगी जिसका चेहरा उत्साह से भरा होगा।

इंटरव्यू कक्ष में प्रवेश करते समय अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लें।

इंटरव्यू में आपके हावभाव के साथ ही ड्रेसिंग भी काफी महत्व रखती है। सबसे पहले तो इंटरव्यू के दौरान पहने गए कपडे बिल्कुल साफ सुथरे होने चाहिए।

लाउड कलर ड्रेसेज का प्रयोग भूलकर भी न करें। खासतौर पर बोल्ड चेक्स, फंकी टीशर्ट व कारगो पैंट्स से बचना चाहिए।

लडकों को पोनीटेल से बचना चाहिए। टाई फ्लैशी नहीं होनी चाहिए।

लडकियां इस दौरान नीले व हरे नेल कलर्स से बचें। चंकी नेकलेस, बडे इअर रिंग्स भी मामला बिगाड सकते हैं।

इंटरव्यू के दौरान जब तक आपका चयन नहीं होता है तब तक सैलरी, वर्किंग आवर्स आदि के बारे में बातचीत न करें।

इंटरव्यू के खत्म होने पर सभी को थैंक्यू कहकर वहां से विदा लें।
बना दें अपने फ‌र्स्ट इम्प्रेशन को खास

Wednesday 10 August, 2011

hanuman chalisa

“HANUMAN CHALISA”


Shree Guru Charan Saroj Raj,
Nij Man Mukar Sudhari,
Barnau Raghuvar Bimal Jasu,
Jo dayaku Phal Chari
Budhi heen Tanu Janike,
Sumirow, Pavan Kumar,
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi,
Harahu Kalesh Bikaar
Jai Hanuman Gyan Guna Sagar,
Jai Kipis Tihun Lok Ujgaar.
Ramdoot Atulit Bal Dhamaa,
Anjani Putra Pavansut naamaa.
Mahebeer Bikram Bajrangi,
Kumati Nivaar Sumati Ke Sangi.
Kanchan Baran Biraaj Subesaa,
Kanan kundal kunchit kesa.
Hath Bajra Aur Dhvaja Birjai,
Kandhe Moonj Janeu saage.
Shankar Suvna Kesari Nandan,
Tej Pratap Maha Jag Vandan.
Vidyavaan Guni Ati Chatur,
Ram Kaj Karibe Ko Atur.
Prabhu Charittra Sun ibe Ko Rasiya,
Ram Lakhan Sita man basyia.
Sukshma roop Dhari Siyahi Dikhwana,
Bikat roop Dhari Lank Jarawa.
Bhim roop Dhari Asur Sanhare,
Ramchandra Ke kaaj Savare.
Laye Sajivan Lakhan Jiyaye,
Shri Raghubir harashi ur laye.
Raghupati Kinhi Bahut Badaai,
Tum Mama Priya Bharat Sam Bahi.
Sahastra Badan Tumharo Jas Gaave,
Asa kahi Shripati Kanth Laagave.
Sankadik Brahmadi Muneesa,
Narad Sarad Sahit Aheesa.
Jam Kuber Digpal Jahan Te,
Kabi Kabid Kahin Sake Kahan Te.
Tum Upkar Sugrivahi Keenha,
Ram Miali Rajpad Deenha.
Tumharo Mantro Bibhishan Maana,
Lankeshwar Bhaye Sab Jag Jaana.
Juug Sahastra Jojan Par Bhaanu,
Leelyo Taahi Madhur Phal Jaanu.
Prabhu Mudrika Meli Mukha Maaheen,
Jaladhi Langhi Gaye Acharaj Naheen.
Durgam Kaaj Jagat Ke Jeete,
Sugam Anugrah Tumhre Te Te.
Ram Duware Tum Rakhavare,
Hot Na Aagya Bin Paisare.
Sab Sukh Lahen Tumhari Sarna,
Tum Rakshak Kaahu Ko Darnaa.
Aapan Tej Samharo Aapei,
Tanau Lok Hank Te Kanpei.
Bhoot Pisaach Nikat Nahi Avei,
Mahabir Jab Naam Sunavei.
Nasei Rog Hare Sab Peera,
Japat Niranter Hanumant Beera.
Sankat Te Hanuman Chhudavei,
Man Kram Bachan Dhyan Jo Lavei.
Sub Par Ram Tapasvee Raaja,
Tinke Kaaj Sakal Tum Saaja.
Aur Manorath Jo Koi Lave,
Soi Amit Jivan Phal Pave.
Charo Juung Partap Tumhara,
Hai Parsiddha Jagat Ujiyara.
Sadho Sant Ke Tum Rakhvare,
Asur Nikandan Ram Dulare.
Ashta Siddhi Nau Nidhi Ke Data,
Asa Bar Din Janki Mata.
Ram Rasayan Tumhare Pasa,
Sadaa Raho Raghupati Ke Dasa.
Tumhare Bhajan Ramko Pavei.
Janam Janam Ke Dukh Bisravei.
Anta Kaal Raghubar Pur Jai,
Jahan Janma Hari Bhakta Kahai.
Aur Devata Chitt Na Dharai,
Hanumant Sei Sarva Sukh Karai.
Sankat Kate Mitey Sab Peera,
Jo Sumirei Hanumant Balbeera.
Jai Jai Jai Hanuman Gosai,
Kripa Karahu Gurudev Ki Naiee.
Jo Sat Baar Paath Kar Koi,
Chhutahi Bandi Maha Sukh Hoi.
Jo Yah Padhe Hanuman Chalisa,
Hoy Siddhi Sakhi Gaurisa.
Tulsidas Sada Hari Chera,
Keeje Nath Hriday Mah Dera.
Chopai
Pavan Tanay Sankat Haran, Mangal Murti Roop.
Ram Lakhan Sita Sahit, Hriday Basahu Sur Bhoop.